ये मत समझो एक दूजे में बेहद प्यार है तो इसमें कभी जुदाई नहीं है हजारों इश्क करने वाले लुट गए बेवफाओं को ठीक करने की कोई दवाई नहीं है। Latest shayari यह शायरी 2025 में लिखी गई है लेटेस्ट शायरी , जब दिल की सारी बात कह दिया वो मुझे अपने इश्क में मजबूर समझ बैठे। उनके बिना अधूरा हूं जब एहसास हो गया बस यही से मेरे इश्क का काम तमाम हो गया। तन्हाई बेवफाई कैसी भी हो वक्त ऐसा मरहम है जब बदलता है तो गहरे से गहरा ज़ख्म को भर देता है। इश्क में टूटे दर्द-ए-दिल की, दवा की गोली नहीं मिलती क्योंकि यह भरोसे और भावनाओं की बीमारी है।
हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम, कितना मजा आएगा, इस खेल में चलो ना खेलने, मुझे फूल से है खेलना अच्छा लगता, तुम पास ना होते अकेले मेै क्या करता, पकड़कर उंगली साथ-साथ मै चलना चाहता हूं, मैं तुम्हारे प्यार में घूमना चाहता हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमान में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम रिमझिम, तुम्हारी गलियों में फूल बनकर खिलना चाहती हूं, दो रहना मुश्किल है एक होना चाहता हूं, पा गई मैं तुम्हें अब ना खोना चाहती हूं, जिंदगी के हर डगर पर साथ चलना चाहती हूं, खुल गई हूं सनम और खुलना चाहती हूं, करीब हर घड़ी मै रहूं ऐसा मिलना चाहती हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम