Hindi shayari | हिंदी शायरी | Shayar Manoj Kumar (1) कौन अपना है कौन पराया है वक्त सब कुछ सीख जाएगा धैर्य से काम लेना परिस्थितियों के बदलाव में सतर्कता से ही तुम्हारा वजूद कायम रह पाएगा (2) सत्य निष्ठा और ईमानदारी सभी मुश्किलों पर पड़ेगा भारी सही वक्त का इंतजार करो हम किसी का नहीं रखते हैं उधारी (3) आज के समय में अगर अगर आपके पास इज्जत दौलत शोहरत ऐसो आराम की जिंदगी है तो द्वेष रखने वाले आपको नीचे गिरने की कोशिश करेंगे अपनी कमजोरी को उजागर होने मत दीजिए कमजोर नस पर चोट करने वाले तैयार बैठे हैं (4) भरोसा किस पर करें जिस पर भरोसा किया वह गद्दार निकल गया अब आज समझ कर जिस पर सब कुछ निछावर करता रहा वह धोखेबाज निकल गया (5) आजकल पैसे की अहमियत कुछ इस तरह बढ़ गई है रिश्ता कोई भी हो इसमें दरार आ ही जाती है लोग स्वार्थी हो गए हैं जहां दौलत की बात हो नियत में खोट आ ही जाती हैं (6) आजकल के लोग ऐसे हो गए हैं गौर से देखिये तो चेहरा नजर आएगा चेहरे के पीछे एक और चेहरा नजर आएगा जब हर राज से पर्दा खुलेगा तो हकीकत नजर आएगा
वह अजनबी था अजनबी जो दिल को मेरे ले गया
तुम कहां थी ए सखी वह चोर चोरी कर गया
उसे ढूंढती मेरी निगाहें कैसा वो जादू कर गया
उसके बिना ना चैन मुझको जीना मुश्किल हो गया
करके चोरी दिल का मेरे एक पल में ही तो खो गया
मेरे पास उसका जो होता पता लेती खबर और होती खफा, कहती मैं उससे तुमने क्या कर दिया
मेरे दिल को चुरा कर मुझको पागल किया
ये अजनबी तुम मेरी राहों में आएगा
मेरी जिंदगी में बहार आएगा
फिर कमी ना हो कुछ भी मेरी जिंदगी में
तुम्हारे खातिर लुटा दूं यह जिंदगी
चाहे कोई मौसम बहार आए
दिल के मंदिर में तुमको बिठाकर सनम तुम्हारी पूजा करूं, मेरी आंखों की चाहत तुम्हें देखना
मिले तुम जो फिर क्या पूछना
चारों तरफ बजे शहनाइयां, मौसम भी लगा फिर अंगड़ाइयां
समझो कि दिल में नए-नए गुल खिल गए
मोहब्बत की राहों में मुश्किलें हैं बड़े
मोहब्बत के आगे हर मुश्किलें पीछे पड़े
ना जाने पहचाने अनजाने हो
चाहे कुछ भी मेरे तुम दीवाने हो
तुम कहां थी ए सखी वह चोर चोरी कर गया
उसे ढूंढती मेरी निगाहें कैसा वो जादू कर गया
उसके बिना ना चैन मुझको जीना मुश्किल हो गया
करके चोरी दिल का मेरे एक पल में ही तो खो गया
मेरे पास उसका जो होता पता लेती खबर और होती खफा, कहती मैं उससे तुमने क्या कर दिया
मेरे दिल को चुरा कर मुझको पागल किया
ये अजनबी तुम मेरी राहों में आएगा
मेरी जिंदगी में बहार आएगा
फिर कमी ना हो कुछ भी मेरी जिंदगी में
तुम्हारे खातिर लुटा दूं यह जिंदगी
चाहे कोई मौसम बहार आए
दिल के मंदिर में तुमको बिठाकर सनम तुम्हारी पूजा करूं, मेरी आंखों की चाहत तुम्हें देखना
मिले तुम जो फिर क्या पूछना
चारों तरफ बजे शहनाइयां, मौसम भी लगा फिर अंगड़ाइयां
समझो कि दिल में नए-नए गुल खिल गए
मोहब्बत की राहों में मुश्किलें हैं बड़े
मोहब्बत के आगे हर मुश्किलें पीछे पड़े
ना जाने पहचाने अनजाने हो
चाहे कुछ भी मेरे तुम दीवाने हो