Hindi shayari - Topic, Shayar poet, Manoj Kumar, love shayari in Hindi 2 line, dard bhari shayari .................................................................................. दर्द भरी शायरी. तन्हा अकेले गुजारा नहीं होगा हम मर जाएंगे जो तुम्हारा सहारा नहीं होगा तुम हमसफर हो मेरी जान, बिछड़ना पड़ा तो अपना कोई ठिकाना नहीं होगा दर्द शेर-ओ-शायरी. तुमसे बिछड़ना भारी पड़ा है अकेले गुजर मुमकिन नहीं है चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए फिरता हूं ऐसे जैसे जिंदगी में कोई मुश्किल नहीं है हिंदी दर्द शेर-ओ-शायरी. जो जख्म तुमने दिया है इसे खुलेआम नहीं करता अपनी खुद की तोहीन होगी इज्जत बचा कर रखना पड़ता है आशिकी में यह दर्द आम बात है इसे सहना पड़ता है Hindi shayari - Topic. इंसान इज्जत दौलत शोहरत कितना भी कमा ले यह सच है एक न एक दिन हर किसी को यह जहां छोड़ना पड़ता है Love wala shayari. किसी से मोहब्बत करो तो ऐसे करो एक दूजे से कोई शिकवा गिला ना हो वह मोहब्बत, मोहब्बत नहीं है जहां वफा ना हो हिंदी शायरी. खुशनसीब हूं जो इतना प्यार करने वाली हसीना मिली है धीरे-धीरे जिंदगी से मुश्किलें दूर हो रही है ख्वाहिशो...
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो
मैं भी तो देखूं वह क्या बात है जिस में खुशियों की छाई बहार है, बदलते जमाने की तलवार है
दिल को चुराकर मेरे लिए जा रही हो
मीठा मीठा प्यारा प्यारा दर्द दिए जा रही हो
अपनी ही धुन में चली जा रही हो
दिल में मेरे तुम बसी जा रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में कोई खूबसूरत बात याद कर रही हो
जिसे ढूंढता था इधर से उधर तुम वही लग रही हो
दिल कहता है मेरा तुम मुझे मिल गई हो
धीरे-धीरे मेरे करीब आ रही हो
खुशियों की महफिल को महका रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो
मैं भी तो देखूं वह क्या बात है जिस में खुशियों की छाई बहार है, बदलते जमाने की तलवार है
दिल को चुराकर मेरे लिए जा रही हो
मीठा मीठा प्यारा प्यारा दर्द दिए जा रही हो
अपनी ही धुन में चली जा रही हो
दिल में मेरे तुम बसी जा रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में कोई खूबसूरत बात याद कर रही हो
जिसे ढूंढता था इधर से उधर तुम वही लग रही हो
दिल कहता है मेरा तुम मुझे मिल गई हो
धीरे-धीरे मेरे करीब आ रही हो
खुशियों की महफिल को महका रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो