ये मत समझो एक दूजे में बेहद प्यार है तो इसमें कभी जुदाई नहीं है हजारों इश्क करने वाले लुट गए बेवफाओं को ठीक करने की कोई दवाई नहीं है। Latest shayari यह शायरी 2025 में लिखी गई है लेटेस्ट शायरी , जब दिल की सारी बात कह दिया वो मुझे अपने इश्क में मजबूर समझ बैठे। उनके बिना अधूरा हूं जब एहसास हो गया बस यही से मेरे इश्क का काम तमाम हो गया। तन्हाई बेवफाई कैसी भी हो वक्त ऐसा मरहम है जब बदलता है तो गहरे से गहरा ज़ख्म को भर देता है। इश्क में टूटे दर्द-ए-दिल की, दवा की गोली नहीं मिलती क्योंकि यह भरोसे और भावनाओं की बीमारी है।
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो
मैं भी तो देखूं वह क्या बात है जिस में खुशियों की छाई बहार है, बदलते जमाने की तलवार है
दिल को चुराकर मेरे लिए जा रही हो
मीठा मीठा प्यारा प्यारा दर्द दिए जा रही हो
अपनी ही धुन में चली जा रही हो
दिल में मेरे तुम बसी जा रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में कोई खूबसूरत बात याद कर रही हो
जिसे ढूंढता था इधर से उधर तुम वही लग रही हो
दिल कहता है मेरा तुम मुझे मिल गई हो
धीरे-धीरे मेरे करीब आ रही हो
खुशियों की महफिल को महका रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो
मैं भी तो देखूं वह क्या बात है जिस में खुशियों की छाई बहार है, बदलते जमाने की तलवार है
दिल को चुराकर मेरे लिए जा रही हो
मीठा मीठा प्यारा प्यारा दर्द दिए जा रही हो
अपनी ही धुन में चली जा रही हो
दिल में मेरे तुम बसी जा रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में कोई खूबसूरत बात याद कर रही हो
जिसे ढूंढता था इधर से उधर तुम वही लग रही हो
दिल कहता है मेरा तुम मुझे मिल गई हो
धीरे-धीरे मेरे करीब आ रही हो
खुशियों की महफिल को महका रही हो
अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो
मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो