रक्षाबंधन, raksha Bandhan shayari 2025. रक्षाबंधन भाई बहन के बीच अनमोल निस्वार्थ अटूट प्रेम का उत्सव/त्यौहार है इस दिन बहन अपने भाई को मिठाई खिलाती है और कलाई पर रेशम का धागा बांधती हैं जिसे राखी कहा जाता है बदले में भाई अपनी बहन को उपहार देता है और बहन की जीवन भर रक्षा करने का वचन देता है। रक्षाबंधन 9 अगस्त 2025 को मनाया जाएगा। रक्षाबंधन शायरी ये रही रक्षाबंधन शायरी पढ़ने जारी रखें। राखी का त्यौहार भाई बहन का प्रेम अटूट होता है ये राखी का त्यौहार इस रिश्ते को और गहराई से जोड़ देता है प्रेम का धागा भाई की कलाई पर सुशोभित यह सिर्फ रेशम का धागा नहीं है जो भाई की कलाई पर सुशोभित है बहन की सुरक्षा आजीवन यह प्यार का अनोखा संगम है धागों में बंधा प्रेम धागों में बंधा प्रेम यह अनमोल रिश्ता है जीवन की सच्चाई से जुड़ा बेजोड़ रिश्ता है
Hindi shayari | हिंदी शायरी | Shayar Manoj Kumar (1) कौन अपना है कौन पराया है वक्त सब कुछ सीख जाएगा धैर्य से काम लेना परिस्थितियों के बदलाव में सतर्कता से ही तुम्हारा वजूद कायम रह पाएगा (2) सत्य निष्ठा और ईमानदारी सभी मुश्किलों पर पड़ेगा भारी सही वक्त का इंतजार करो हम किसी का नहीं रखते हैं उधारी (3) आज के समय में अगर अगर आपके पास इज्जत दौलत शोहरत ऐसो आराम की जिंदगी है तो द्वेष रखने वाले आपको नीचे गिरने की कोशिश करेंगे अपनी कमजोरी को उजागर होने मत दीजिए कमजोर नस पर चोट करने वाले तैयार बैठे हैं (4) भरोसा किस पर करें जिस पर भरोसा किया वह गद्दार निकल गया अब आज समझ कर जिस पर सब कुछ निछावर करता रहा वह धोखेबाज निकल गया (5) आजकल पैसे की अहमियत कुछ इस तरह बढ़ गई है रिश्ता कोई भी हो इसमें दरार आ ही जाती है लोग स्वार्थी हो गए हैं जहां दौलत की बात हो नियत में खोट आ ही जाती हैं (6) आजकल के लोग ऐसे हो गए हैं गौर से देखिये तो चेहरा नजर आएगा चेहरे के पीछे एक और चेहरा नजर आएगा जब हर राज से पर्दा खुलेगा तो हकीकत नजर आएगा