ये मत समझो एक दूजे में बेहद प्यार है तो इसमें कभी जुदाई नहीं है हजारों इश्क करने वाले लुट गए बेवफाओं को ठीक करने की कोई दवाई नहीं है।
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यह शायरी 2025 में लिखी गई है लेटेस्ट शायरी,
जब दिल की सारी बात कह दिया वो मुझे अपने इश्क में मजबूर समझ बैठे। उनके बिना अधूरा हूं जब एहसास हो गया बस यही से मेरे इश्क का काम तमाम हो गया।
तन्हाई बेवफाई कैसी भी हो वक्त ऐसा मरहम है जब बदलता है तो गहरे से गहरा ज़ख्म को भर देता है।
इश्क में टूटे दर्द-ए-दिल की, दवा की गोली नहीं मिलती क्योंकि यह भरोसे और भावनाओं की बीमारी है।