Hindi shayari - Topic, Shayar poet, Manoj Kumar, love shayari in Hindi 2 line, dard bhari shayari .................................................................................. दर्द भरी शायरी. तन्हा अकेले गुजारा नहीं होगा हम मर जाएंगे जो तुम्हारा सहारा नहीं होगा तुम हमसफर हो मेरी जान, बिछड़ना पड़ा तो अपना कोई ठिकाना नहीं होगा दर्द शेर-ओ-शायरी. तुमसे बिछड़ना भारी पड़ा है अकेले गुजर मुमकिन नहीं है चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए फिरता हूं ऐसे जैसे जिंदगी में कोई मुश्किल नहीं है हिंदी दर्द शेर-ओ-शायरी. जो जख्म तुमने दिया है इसे खुलेआम नहीं करता अपनी खुद की तोहीन होगी इज्जत बचा कर रखना पड़ता है आशिकी में यह दर्द आम बात है इसे सहना पड़ता है Hindi shayari - Topic. इंसान इज्जत दौलत शोहरत कितना भी कमा ले यह सच है एक न एक दिन हर किसी को यह जहां छोड़ना पड़ता है Love wala shayari. किसी से मोहब्बत करो तो ऐसे करो एक दूजे से कोई शिकवा गिला ना हो वह मोहब्बत, मोहब्बत नहीं है जहां वफा ना हो हिंदी शायरी. खुशनसीब हूं जो इतना प्यार करने वाली हसीना मिली है धीरे-धीरे जिंदगी से मुश्किलें दूर हो रही है ख्वाहिशो...
तुम आखिर चली ही गयी ये शहर छोड़कर
याद करने के सिवा कुछ न बचा सामो पहर
तुम दूर चली गयी फिर भी तो क्या
याद तुम्हारी दिल से जाती नहीं
मै भूलाने की तुमको कोसिस किया
मगर हर कोसिस रहा बे असर
जिस शहर में तुम रहती वो प्यारा शहर
मुझको बुलाये घड़ी दर घड़ी सामो पहर दोपहर
तुमने कहा था चली आउंगी ये शहर छोड़कर
मै पागल था कुछ भी समझा नहीं
दूर हो तो क्या फिर भी सनम प्यास घटती नहीं
मुझको दिया सनम क्यू इतना प्यार
जी चाहे यूही मिले बार बार
मगर इस बदनसीब के क़िस्मत में कहा होगा नसीब
मेरे दोस्त मेरे यार मुझको दिया हद ज्यादा प्यार
जी चाहे यूही मिले बार बार
तुम आखिर चली ही गयी ये शहर छोड़कर
याद करने के सिवा कुछ न बचा सामो पहर
याद करने के सिवा कुछ न बचा सामो पहर
तुम दूर चली गयी फिर भी तो क्या
याद तुम्हारी दिल से जाती नहीं
मै भूलाने की तुमको कोसिस किया
मगर हर कोसिस रहा बे असर
जिस शहर में तुम रहती वो प्यारा शहर
मुझको बुलाये घड़ी दर घड़ी सामो पहर दोपहर
तुमने कहा था चली आउंगी ये शहर छोड़कर
मै पागल था कुछ भी समझा नहीं
दूर हो तो क्या फिर भी सनम प्यास घटती नहीं
मुझको दिया सनम क्यू इतना प्यार
जी चाहे यूही मिले बार बार
मगर इस बदनसीब के क़िस्मत में कहा होगा नसीब
मेरे दोस्त मेरे यार मुझको दिया हद ज्यादा प्यार
जी चाहे यूही मिले बार बार
तुम आखिर चली ही गयी ये शहर छोड़कर
याद करने के सिवा कुछ न बचा सामो पहर