ये मत समझो एक दूजे में बेहद प्यार है तो इसमें कभी जुदाई नहीं है हजारों इश्क करने वाले लुट गए बेवफाओं को ठीक करने की कोई दवाई नहीं है। Latest shayari यह शायरी 2025 में लिखी गई है लेटेस्ट शायरी , जब दिल की सारी बात कह दिया वो मुझे अपने इश्क में मजबूर समझ बैठे। उनके बिना अधूरा हूं जब एहसास हो गया बस यही से मेरे इश्क का काम तमाम हो गया। तन्हाई बेवफाई कैसी भी हो वक्त ऐसा मरहम है जब बदलता है तो गहरे से गहरा ज़ख्म को भर देता है। इश्क में टूटे दर्द-ए-दिल की, दवा की गोली नहीं मिलती क्योंकि यह भरोसे और भावनाओं की बीमारी है।
क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी
आंखो में भर दी इतनी नमी
बहते है आँसू मै रोती नहीं
सोती हूँ फिर भी मै सोती नहीं
सोचू मै हर पल एक बात को
मेरी तरह तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
मै तड़पती अकेला मुझे बरदास है
तुम बेवफा हो फिर भी मुझको जाने कितना प्यार है
जो चोट दिल पे लगी बरदास मुझसे होती नहीं
टूटी ज़िंदगी है फिर भी मै हिम्मत खोती नहीं
एक सपना ज़िंदगी में सजाई थी मै
सपना वो सपना सपना रहा
ज़िंदगी की डगर मै भुलाई नहीं
तोड़ जाओगे दिल को मै सोची नहीं
कैसे गुजरू ये ज़िंदगी कुछ भी समझ में आता नही
कभी जो भूलाने की कोसिस करू
जी तो करता है ऐसा तुम्हारे बिना न मै जिन्दा रहू
सुन ले सनम मेरी आवाज को
तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी
आंखो में भर दी इतनी नमी
आंखो में भर दी इतनी नमी
बहते है आँसू मै रोती नहीं
सोती हूँ फिर भी मै सोती नहीं
सोचू मै हर पल एक बात को
मेरी तरह तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
मै तड़पती अकेला मुझे बरदास है
तुम बेवफा हो फिर भी मुझको जाने कितना प्यार है
जो चोट दिल पे लगी बरदास मुझसे होती नहीं
टूटी ज़िंदगी है फिर भी मै हिम्मत खोती नहीं
एक सपना ज़िंदगी में सजाई थी मै
सपना वो सपना सपना रहा
ज़िंदगी की डगर मै भुलाई नहीं
तोड़ जाओगे दिल को मै सोची नहीं
कैसे गुजरू ये ज़िंदगी कुछ भी समझ में आता नही
कभी जो भूलाने की कोसिस करू
जी तो करता है ऐसा तुम्हारे बिना न मै जिन्दा रहू
सुन ले सनम मेरी आवाज को
तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी
आंखो में भर दी इतनी नमी