Hindi shayari - Topic, Shayar poet, Manoj Kumar, love shayari in Hindi 2 line, dard bhari shayari .................................................................................. दर्द भरी शायरी. तन्हा अकेले गुजारा नहीं होगा हम मर जाएंगे जो तुम्हारा सहारा नहीं होगा तुम हमसफर हो मेरी जान, बिछड़ना पड़ा तो अपना कोई ठिकाना नहीं होगा दर्द शेर-ओ-शायरी. तुमसे बिछड़ना भारी पड़ा है अकेले गुजर मुमकिन नहीं है चेहरे पर झूठी मुस्कान लिए फिरता हूं ऐसे जैसे जिंदगी में कोई मुश्किल नहीं है हिंदी दर्द शेर-ओ-शायरी. जो जख्म तुमने दिया है इसे खुलेआम नहीं करता अपनी खुद की तोहीन होगी इज्जत बचा कर रखना पड़ता है आशिकी में यह दर्द आम बात है इसे सहना पड़ता है Hindi shayari - Topic. इंसान इज्जत दौलत शोहरत कितना भी कमा ले यह सच है एक न एक दिन हर किसी को यह जहां छोड़ना पड़ता है Love wala shayari. किसी से मोहब्बत करो तो ऐसे करो एक दूजे से कोई शिकवा गिला ना हो वह मोहब्बत, मोहब्बत नहीं है जहां वफा ना हो हिंदी शायरी. खुशनसीब हूं जो इतना प्यार करने वाली हसीना मिली है धीरे-धीरे जिंदगी से मुश्किलें दूर हो रही है ख्वाहिशो...
क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी
आंखो में भर दी इतनी नमी
बहते है आँसू मै रोती नहीं
सोती हूँ फिर भी मै सोती नहीं
सोचू मै हर पल एक बात को
मेरी तरह तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
मै तड़पती अकेला मुझे बरदास है
तुम बेवफा हो फिर भी मुझको जाने कितना प्यार है
जो चोट दिल पे लगी बरदास मुझसे होती नहीं
टूटी ज़िंदगी है फिर भी मै हिम्मत खोती नहीं
एक सपना ज़िंदगी में सजाई थी मै
सपना वो सपना सपना रहा
ज़िंदगी की डगर मै भुलाई नहीं
तोड़ जाओगे दिल को मै सोची नहीं
कैसे गुजरू ये ज़िंदगी कुछ भी समझ में आता नही
कभी जो भूलाने की कोसिस करू
जी तो करता है ऐसा तुम्हारे बिना न मै जिन्दा रहू
सुन ले सनम मेरी आवाज को
तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी
आंखो में भर दी इतनी नमी
आंखो में भर दी इतनी नमी
बहते है आँसू मै रोती नहीं
सोती हूँ फिर भी मै सोती नहीं
सोचू मै हर पल एक बात को
मेरी तरह तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
मै तड़पती अकेला मुझे बरदास है
तुम बेवफा हो फिर भी मुझको जाने कितना प्यार है
जो चोट दिल पे लगी बरदास मुझसे होती नहीं
टूटी ज़िंदगी है फिर भी मै हिम्मत खोती नहीं
एक सपना ज़िंदगी में सजाई थी मै
सपना वो सपना सपना रहा
ज़िंदगी की डगर मै भुलाई नहीं
तोड़ जाओगे दिल को मै सोची नहीं
कैसे गुजरू ये ज़िंदगी कुछ भी समझ में आता नही
कभी जो भूलाने की कोसिस करू
जी तो करता है ऐसा तुम्हारे बिना न मै जिन्दा रहू
सुन ले सनम मेरी आवाज को
तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो
क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी
आंखो में भर दी इतनी नमी