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मनोज कुमार खजनी गोरखपुर उत्तर प्रदेश
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हसीन तुम हो इस जहां में-Hindi songs

हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम, कितना मजा आएगा, इस खेल में चलो ना खेलने, मुझे फूल से है खेलना अच्छा लगता, तुम पास ना होते अकेले मेै क्या करता, पकड़कर उंगली साथ-साथ मै चलना चाहता हूं, मैं तुम्हारे प्यार में घूमना चाहता हूं,  हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमान में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम रिमझिम, तुम्हारी गलियों में फूल बनकर खिलना चाहती हूं, दो रहना मुश्किल है एक होना चाहता हूं, पा गई मैं तुम्हें अब ना खोना चाहती हूं, जिंदगी के हर डगर पर साथ चलना चाहती हूं, खुल गई हूं सनम और खुलना चाहती हूं, करीब हर घड़ी मै रहूं ऐसा मिलना चाहती हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम

अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो-Hindi songs

अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो मैं भी तो देखूं वह क्या बात है जिस में खुशियों की छाई बहार है, बदलते जमाने की तलवार है दिल को चुराकर मेरे लिए जा रही हो मीठा मीठा प्यारा प्यारा दर्द दिए जा रही हो अपनी ही धुन में चली जा रही हो दिल में मेरे तुम बसी जा रही हो अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो मन ही मन में कोई खूबसूरत बात याद कर रही हो जिसे ढूंढता था इधर से उधर तुम वही लग रही हो दिल कहता है मेरा तुम मुझे मिल गई हो धीरे-धीरे मेरे करीब आ रही हो खुशियों की महफिल को महका रही हो अकेले-अकेले मुस्कुराती हुई तुम कहां जा रही हो मन ही मन में खूबसूरत कोई बात याद कर रही हो

क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी-Hindi songs

क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी आंखो में भर दी इतनी नमी बहते है आँसू मै रोती नहीं सोती हूँ फिर भी मै सोती नहीं सोचू मै हर पल एक बात को मेरी तरह तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो मै तड़पती अकेला मुझे बरदास है तुम बेवफा हो फिर भी मुझको जाने कितना प्यार है जो चोट दिल पे लगी बरदास मुझसे होती नहीं टूटी ज़िंदगी है फिर भी मै हिम्मत खोती नहीं एक सपना ज़िंदगी में सजाई थी मै सपना वो सपना सपना रहा ज़िंदगी की डगर मै भुलाई नहीं तोड़ जाओगे दिल को मै सोची नहीं कैसे गुजरू ये ज़िंदगी कुछ भी समझ में आता नही कभी जो भूलाने की कोसिस करू जी तो करता है ऐसा तुम्हारे बिना न मै जिन्दा रहू सुन ले सनम मेरी आवाज को तुम्हारी ज़िंदगी में न कभी रात हो क्या था नहीं मुझमे, क्या थी कमी आंखो में भर दी इतनी नमी