Hindi shayari | हिंदी शायरी | Shayar Manoj Kumar (1) कौन अपना है कौन पराया है वक्त सब कुछ सीख जाएगा धैर्य से काम लेना परिस्थितियों के बदलाव में सतर्कता से ही तुम्हारा वजूद कायम रह पाएगा (2) सत्य निष्ठा और ईमानदारी सभी मुश्किलों पर पड़ेगा भारी सही वक्त का इंतजार करो हम किसी का नहीं रखते हैं उधारी (3) आज के समय में अगर अगर आपके पास इज्जत दौलत शोहरत ऐसो आराम की जिंदगी है तो द्वेष रखने वाले आपको नीचे गिरने की कोशिश करेंगे अपनी कमजोरी को उजागर होने मत दीजिए कमजोर नस पर चोट करने वाले तैयार बैठे हैं (4) भरोसा किस पर करें जिस पर भरोसा किया वह गद्दार निकल गया अब आज समझ कर जिस पर सब कुछ निछावर करता रहा वह धोखेबाज निकल गया (5) आजकल पैसे की अहमियत कुछ इस तरह बढ़ गई है रिश्ता कोई भी हो इसमें दरार आ ही जाती है लोग स्वार्थी हो गए हैं जहां दौलत की बात हो नियत में खोट आ ही जाती हैं (6) आजकल के लोग ऐसे हो गए हैं गौर से देखिये तो चेहरा नजर आएगा चेहरे के पीछे एक और चेहरा नजर आएगा जब हर राज से पर्दा खुलेगा तो हकीकत नजर आएगा
इतनी सोड़ी लगती हो सोना फिका पड़ जाये
सामो पहर जो निकलो घर से, चाँद भी थोड़ा सरमाये
इतनी सोड़ी लगती हो सोना फिका पड़ जाये
ओठों पर मुस्कान ग़जब की गाल पे लाली है तेरे
चाँद सितारें फूल और कलियाँ देख के तुझको सरमाये
सामो पहर जो निकलो घर से, चाँद भी थोड़ा सरमाये
खुलकर केसू उड़े हवा में काली घटाये लगती
प्यार की बुँदे बरसे दिल पर देख के तुझको सरमाये
इतनी सोड़ी लगती हो सोना फिका पड़ जाये
सामो पहर जो निकलो घर से, चाँद भी थोड़ा सरमाये
सामो पहर जो निकलो घर से, चाँद भी थोड़ा सरमाये
इतनी सोड़ी लगती हो सोना फिका पड़ जाये
ओठों पर मुस्कान ग़जब की गाल पे लाली है तेरे
चाँद सितारें फूल और कलियाँ देख के तुझको सरमाये
सामो पहर जो निकलो घर से, चाँद भी थोड़ा सरमाये
खुलकर केसू उड़े हवा में काली घटाये लगती
प्यार की बुँदे बरसे दिल पर देख के तुझको सरमाये
इतनी सोड़ी लगती हो सोना फिका पड़ जाये
सामो पहर जो निकलो घर से, चाँद भी थोड़ा सरमाये