इस पेज पर intezar sisakti ummiden shayar i एवं love story shayari पढ़ने को मिलेगा। 1. जब तुम उस मोड से गुजरे, मेरे आंखों में कुछ ख्वाब छोड़ गए उम्मीद लगाकर बैठे थे लौटकर आओगे मगर मुझे इंतज़ार में छोड़ गए। 2. सुबह गुजरी और शाम गुजरी देखते-देखते कितने मौसम बदल गए हर मंजर बदल गए अकेले रहकर भी, तुमसे खूब बात की, कई बार लड़खड़ाये कदम मगर तुम्हारी यादों के सहारे संभल गया। 3. कुछ लोग कहते हैं अब उसे भूल जाओ मगर यह सच्ची मोहब्बत है उनकी इबादत आखरी सांस तक करेंगे। 4. तेरी यादें कभी हंसाती है और कभी रुलाती है मोहब्बत ने सिखा दिया इंतजार में सब्र की क्या औकात होती है। 5. तेरे आने की आहट ऐसी समाईं है एकटक दरवाजे पर नजर है ये मेरी हालत यूं ही नहीं है ये मेरी सच्ची मोहब्बत का सफर है।
आये हो मिलने तो कुछ देर बैठो जी भर के बाते है करना मुझे
झुठा बहाना बनाते हो क्यों बस यूं ही देर होती तुझे
दुःख दर्द अपना हम किससे कहे बस यूही आये फिर चलते रहे
पास रहती हो जब तक खुशियों में डूबा ये सारा जहाँ
दूर जाते हो क्यू अधूरा लगे ये सारा समां
बड़ी मुश्किल से मिलता है मिलने का मौका यहाँ
इतने जल्दी में हो घर ही तो जाना है जाना कहाँ
आज अभी तुम बता दो कल मिलना कहाँ
बहाना तो आता है ज्यादा तुझे
आये हो मिलने तो कुछ देर बैठो जी भर के बाते है करना मुझे
झुठा बहाना बनाते हो क्यों बस यूं ही देर होती तुझे
मुस्कुराती हो तुम रोना आता है मुझे
खुद ही मै दिल को समझता हूँ
पलक बन्द कर के मै सोचू जरा अपने पास पाता हूँ
ख़्वाबों की मेरे परी तुम लगे
मेरी परी को नजर न लगे
जी करता सनम हर घड़ी हम देखा करे
ख़ुदा से मै मांगू तुझे
आये हो मिलने तो कुछ देर बैठो जी भर के बाते है करना मुझे
झुठा बहाना बनाते हो क्यों बस यूं ही देर होती तुझे
झुठा बहाना बनाते हो क्यों बस यूं ही देर होती तुझे
दुःख दर्द अपना हम किससे कहे बस यूही आये फिर चलते रहे
पास रहती हो जब तक खुशियों में डूबा ये सारा जहाँ
दूर जाते हो क्यू अधूरा लगे ये सारा समां
बड़ी मुश्किल से मिलता है मिलने का मौका यहाँ
इतने जल्दी में हो घर ही तो जाना है जाना कहाँ
आज अभी तुम बता दो कल मिलना कहाँ
बहाना तो आता है ज्यादा तुझे
आये हो मिलने तो कुछ देर बैठो जी भर के बाते है करना मुझे
झुठा बहाना बनाते हो क्यों बस यूं ही देर होती तुझे
मुस्कुराती हो तुम रोना आता है मुझे
खुद ही मै दिल को समझता हूँ
पलक बन्द कर के मै सोचू जरा अपने पास पाता हूँ
ख़्वाबों की मेरे परी तुम लगे
मेरी परी को नजर न लगे
जी करता सनम हर घड़ी हम देखा करे
ख़ुदा से मै मांगू तुझे
आये हो मिलने तो कुछ देर बैठो जी भर के बाते है करना मुझे
झुठा बहाना बनाते हो क्यों बस यूं ही देर होती तुझे