कहीं और नहीं मेरा चक्कर है बस थोड़ा प्यार करूं मैं शाली से बस इसी बात पर झगड़ा मेरा होता है घरवाली से ........ रोज-रोज की किच-किच घर में तंग आ गया हूं बीवी की रखवाली से..... बस इसी बात पर झगड़ा मेरा................
हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम, कितना मजा आएगा, इस खेल में चलो ना खेलने, मुझे फूल से है खेलना अच्छा लगता, तुम पास ना होते अकेले मेै क्या करता, पकड़कर उंगली साथ-साथ मै चलना चाहता हूं, मैं तुम्हारे प्यार में घूमना चाहता हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमान में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम रिमझिम, तुम्हारी गलियों में फूल बनकर खिलना चाहती हूं, दो रहना मुश्किल है एक होना चाहता हूं, पा गई मैं तुम्हें अब ना खोना चाहती हूं, जिंदगी के हर डगर पर साथ चलना चाहती हूं, खुल गई हूं सनम और खुलना चाहती हूं, करीब हर घड़ी मै रहूं ऐसा मिलना चाहती हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम