इस्तेफाक से कभी मुलाकात - Hindi shayari
कोशिश बहुत करते हैं मगर मुलाकात नहीं होती इस्तेफाक से कभी मुलाकात हो भी गई तो उनकी बातों में अब वह बात नहीं होती
कुछ पल और ठहर जाता - Love shayari
इन गलियों में अपना गुजारा नहीं है जिन नजारे को नज़रें तरसती रही कहीं अब वो नज़ारा नहीं है यहां कुछ पल और ठहर जाता मगर कोई अपना हमारा नहीं है