हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम, कितना मजा आएगा, इस खेल में चलो ना खेलने, मुझे फूल से है खेलना अच्छा लगता, तुम पास ना होते अकेले मेै क्या करता, पकड़कर उंगली साथ-साथ मै चलना चाहता हूं, मैं तुम्हारे प्यार में घूमना चाहता हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमान में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम रिमझिम, तुम्हारी गलियों में फूल बनकर खिलना चाहती हूं, दो रहना मुश्किल है एक होना चाहता हूं, पा गई मैं तुम्हें अब ना खोना चाहती हूं, जिंदगी के हर डगर पर साथ चलना चाहती हूं, खुल गई हूं सनम और खुलना चाहती हूं, करीब हर घड़ी मै रहूं ऐसा मिलना चाहती हूं, हसीन तुम हो इस जहां में उड़ चले हम आसमां में, छुप जाएं हम बादलों में, बनके पानी इस धरा पर बरसे रिमझिम-रिमझिम
वह अजनबी था अजनबी जो दिल को मेरे ले गया तुम कहां थी ए सखी वह चोर चोरी कर गया उसे ढूंढती मेरी निगाहें कैसा वो जादू कर गया उसके बिना ना चैन मुझको जीना मुश्किल हो गया करके चोरी दिल का मेरे एक पल में ही तो खो गया मेरे पास उसका जो होता पता लेती खबर और होती खफा, कहती मैं उससे तुमने क्या कर दिया मेरे दिल को चुरा कर मुझको पागल किया ये अजनबी तुम मेरी राहों में आएगा मेरी जिंदगी में बहार आएगा फिर कमी ना हो कुछ भी मेरी जिंदगी में तुम्हारे खातिर लुटा दूं यह जिंदगी चाहे कोई मौसम बहार आए दिल के मंदिर में तुमको बिठाकर सनम तुम्हारी पूजा करूं, मेरी आंखों की चाहत तुम्हें देखना मिले तुम जो फिर क्या पूछना चारों तरफ बजे शहनाइयां, मौसम भी लगा फिर अंगड़ाइयां समझो कि दिल में नए-नए गुल खिल गए मोहब्बत की राहों में मुश्किलें हैं बड़े मोहब्बत के आगे हर मुश्किलें पीछे पड़े ना जाने पहचाने अनजाने हो चाहे कुछ भी मेरे तुम दीवाने हो