Alfaazon ka aaina, badhiya shayari. 1. आंसुओं की नमी अपनी मुस्कुराहट से छुपा लेते हैं वो इस हकीकत से अनजान है हम तन्हाई में भी खुशियों के गीत गुनगुना लेते हैं। 2. तुम्हारा हर वो लफ्ज़ आईना है जिसमें गहरा राज छुपा है तुम मेरी कमजोरी हो जो तुझ में इतना प्यार छुपा है। 3. टूटे ख्वाब कुछ अनकही बातें सब कुछ साफ झलकता है जब अल्फ़ाज़ो का आईना मेरे कलम से होकर गुजरता है। 4. दिल के जख्म भरने की कोशिश करता हूं मगर हर बार उनके अल्फाज दर्द बढ़ा जाते हैं खुशियां जब भी आती है कहीं से वो आकर मेरी तकलीफ बढ़ा जाते हैं।
मैं तुम्हारे काबिल नहीं था जाने क्या तुम सोच कर मुझको अपनाए मैं भिखारी था सनम इस दिल के सिवा तुम कुछ भी ना पाए, मन की सुंदर, तन की सुंदर, नजर में ना समाए, उस रब को करू सलाम हम तुमको पाए तुम्हारा प्यार यह तुम्हारी मर्जी जीना सिखाए बस जिंदगी भर यूं ही रहना अपनाए तुम्हारा यह दीवाना होता जाए तुम्हारे सिवा कुछ भी ना चाहे करूं मैं क्या दूं मैं क्या समझ कुछ भी ना आए ऐसे में क्या क्या करूं खुद ही बतलाएं मन बहका-बहका जाए खुशी है दिल के अंदर हलचल मचाए मै तुम्हारे काबिल नहीं था जाने क्या तुम सोच कर मुझको अपनाए मैं भिखारी था सनम इस दिल के सिवा तुम कुछ भी ना पाए खड़ी हो छुप-छुप क्यों गुमसुम क्यों कुछ तो बोलिए दिल का चैन दिल का करार सब ले लिए बेचैनी बढ़ती जा रही है तुम्हारे बिन कैसे जिए कसम से ये सनम दिल ले लिए तो क्या हुआ चाहे तो जान भी लेले रह सकूंगा ना दूर आपके बिन अकेले तुम आए जिंदगी में जल गए बुझे दिल के लिए